जीत की घोषणा के बाद भी हार गई प्रत्याशी, रिजल्ट व चुनाव चिह्न भी बदला
बाजपट्टी प्रखंड की बाजीतपुर पंचायत में वार्ड सदस्य के एक पद पर चुनाव परिणाम को लेकर मामला उलझ गया है। वाकया इस पंचायत के वार्ड नंबर-12 का है। जहां एक प्रत्याशी की जीत की घोषणा कर दी गई और प्रमाण-पत्र भी दे दिया गया। मगर उसके बाद जो वाकया सामने आया है वह हैरान करने वाला है। निर्वाचित घोषित प्रत्याशी को कहा जा रहा है कि रिजल्ट उनका नहीं है। जिस चुनाव चिह्न पर वह चुनाव लड़ी हैं मतदाताओं से वोट की अपील करती रहीं वह भी दूसरे का बता दिया
सीतामढ़ी । बाजपट्टी प्रखंड की बाजीतपुर पंचायत में वार्ड सदस्य के एक पद पर चुनाव परिणाम को लेकर मामला उलझ गया है। वाकया इस पंचायत के वार्ड नंबर-12 का है। जहां एक प्रत्याशी की जीत की घोषणा कर दी गई और प्रमाण-पत्र भी दे दिया गया। मगर उसके बाद जो वाकया सामने आया है, वह हैरान करने वाला है। निर्वाचित घोषित प्रत्याशी को कहा जा रहा है कि रिजल्ट उनका नहीं है।
जिस चुनाव चिह्न पर वह चुनाव लड़ी हैं, मतदाताओं से वोट की अपील करती रहीं वह भी दूसरे का बता दिया। यह सब देख-सुनकर प्रत्याशी के पांव तले जमीन खिसक गई है। इस महिला का कहना है कि 40 वोट से वह चुनाव जीती हैं। अब न्याय के लिए दर-दर भटक रही हैं। जीत का दावा करने वाली इस प्रत्याशी का नाम नीलम देवी (एक) है और क्रम संख्या भी एक है। इनके पति का नाम अमरेंद्र पाण्डेय है। इस प्रत्याशी का कहना है कि जिस दूसरे प्रत्याशी का यह रिजल्ट बताया जा रहा है उसका नाम भी नीलम देवी (दो) है, और उनके पति का नाम दुखरन मुखिया है। जीत का दावा करने वाली नीलम देवी (एक) का चुनाव चिह्न पीपल छाप था। वह चुनाव चिह्न भी अब दूसरे का बताया जा रहा। इस पूरे प्रकरण में वरीय अधिवक्ता सह जदयू के वरिष्ठ नेता विमल शुक्ला का कहना है कि निर्वाचित घोषित प्रत्याशी के साथ यह नाइंसाफी हुई है। किस आधार पर आंख मूंदकर कैसे विजयी घोषित किया गया। रिजल्ट में सुधार के लिए अगर वह महिला प्रत्याशी नहीं गई होती तब अधिकारी क्या करते। यह गंभीर जांच का विषय है। इस मामले की सूक्ष्मता से जांच होनी चाहिए तथा दोषी पदाधिकारी पर कार्रवाई होनी चाहिए। न्याय की उम्मीद लिए घूम रही निर्वाचित घोषित प्रत्याशी
निर्वाचित घोषित की जा चुकीं इस प्रत्याशी के पति अमरेंद्र पाण्डेय का कहना है कि प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ ने निर्वाचन की घोषणा करते हुए अपने हाथों प्रमाण-पत्र दिया। उनके कक्ष से बाहर आने के बाद जब हम लोगों ने प्रमाण-पत्र चेक किया तो उसमें प्रत्याशी के पति का नाम गलत अंकित पाया। उसको सुधारने के लिए पुन: प्रखंड निर्वाची पदाधिकारी सह बीडीओ के पास गए तो उन्होंने इस कार्य के लिए शाम चार बजे आने के लिए कह दिया। उनके बुलावे पर नियत समय पर पहुंच गए तो टालमटोल करके सुबह बुलाया। सुबह पहुंचने पर कह दिया कि आपने चुनाव नहीं जीता है, यह रिजल्ट आपका नहीं है। प्रत्याशी ने चुनाव परिणाम में धांधली बरतने का आरोप लगाते हुए जांच व कार्रवाई की मांग की है।
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