रुन्नीसैदपुर की बालुशाही को जीआइ टैग मिलने की सहमति पर मिठाई कारोबारियों में खुशी।
रुन्नीसैदपुर की बालुशाही को जीआइ टैग मिलने की सहमति पर मिठाई कारोबारियों में खुशी।
रुन्नीसैदपुर : सीतामढ़ी की लजीज मिठाइयों में शुमार रुन्नीसैदपुर की ‘बालुशाही’ को भी अब जियोग्राफिकल इंडीकेशन टैग (जीआइ टैग) मिलेगा ।
नबार्ड की बैठक
में इसे जीआइ टैग दिलाने को लेकर सहमति बनी है । स्थानीय कारोबारी भी ऐसा हीं चाहते हैं। समय समय पर इसकी मांगें भी उठती रही है। मिठाई के कारोबार से जुड़े
स्थानीय व्यवसायियों ने अपनी प्रसन्नता जाहिर करते इस निर्णय का स्वागत किया है ।
अगर ऐसा हुआ तो अपनी राष्ट्रीय पहचान के साथ बालुशाही की मिठास की भी ब्रांडिंग होगी ।
इस खास चिन्ह से न केवल मार्केटिंग में मदद मिलेगी बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे तथा इस धंधे से जुड़े स्थानीय लोगों की आर्थिक समृद्धि को भी चार चांद लगेंगे ।सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर के बीच रुन्नीसैदपुर की विशिष्टता को दर्शाने में इलाके की इस पारंपरिक मिठाई ‘बालुशाही’ की भूमिका अहम है । लजीज ऐसा कि हर खाने वाला इसका मुरीद बन जाय । हालांकि,असंगठित क्षेत्र के जरिए उत्पादन होने से अभी तक इसे जीआइ टैग के दायरे में नहीं लाया जा सका। पीढी दर पीढ़ी एक लंबे सफर के बाद रुन्नीसैदपुर के इस पारंपरिक मिठाई को ख्याति के इस मुकाम तक पहुंचाया जा सका।
समय के साथ- साथ इसमें बदलाव भी हुए तथा ख्याति व पहचान का दायरा भी बढ़ा है । अब तो रुन्नीसैदपुर की बालुशाही पटना की गलियों में भी अपने जायके को लेकर मशहूर होने लगा है । इस कारोबार में अपने लंबे अनुभव को साझा करते करते व्यवसायी प्रभात साहू की माने तो विशेष मौके को छोड़ रुन्नीसैदपुर में प्रतिदिन औसतन 25 से 30 क्विंटल बालुशाही की बिक्री हो जाती है ।130 रुपए से 150 रुपए प्रति किलो बिकने वाली इस मिठाई के कारोबार में अधिक मुनाफे की गुंजाइश नहीं है। कारोबारी कहते हैं- छेने की इतनी सस्ती मिठाई रुन्नीसैदपुर को छोड़ शायद हीं मिले। रुन्नीसैदपुर के करीब 200 परिवार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं । कारोबार को ख्याति की इस ऊंचाई तक पहुंचाने में सरकारी मदद नहीं मिलने के बावजूद हौसला बुलंद है । युवा कारोबारी तरुण कुमार कहते हैं कि सिलाव का खाजा, मनेर का लड्डू ,व गया के मशहूर तिलकुट के साथ रुन्नीसैदपुर के बालुशाही को भी जीआइ टैग मिले
तो इलाका अपनी राष्ट्रीय पहचान के साथ विकास के पथ पर अग्रसर हो सकता है ।
युवा समाजसेवी, जिला अध्यक्ष सीतामढ़ी (इंसाफ मंच) तथा जिला परिषद् उम्मीदवार प्रतिनिधि इंजीनियर कमर अफ़ज़ल ने अपनी खुशी जाहिर किया और कहा की इससे रुन्नी सैदपुर प्रखंड को ग्लोबल पैहचान मिलेगी साथ ही सैकड़ो परिवार को रोजगार मिलेगा।
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