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पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारियों कर्मचारियों ने दी बेमुद्दत आंदोलन की चेतावनी आरक्षण नियमों के उल्लंघन का लगाया आरोप

 पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारियों कर्मचारियों ने दी  बेमुद्दत आंदोलन की चेतावनी आरक्षण नियमों  के उल्लंघन का लगायाआरोप




त्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी संघ द्वारा विद्युत कंपनी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण एवं अन्य सांगठनिक मांगों को लेकर विद्युत कंपनी के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए क्रमबद्ध आंदोलन 22 जनवरी से करने की सूचना दी गई थी । विदित हो कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार द्वारा दिनांक 16.04.2024 को जारी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आरक्षण नियम के नियम 5 को अधिसूचित करने हेतु पिंगुआ कमिटी का गठन किया गया है। वहीं पर विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा छ.ग. शासन से अनुमोदन प्राप्त किये बिना सामान्य पदोन्नति की प्रक्रिया काल्पनिक वरिष्ठता के आधार पर किया जा रहा है। विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा दिनांक 16.04.2024 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत   24 वर्ष पूर्व  23 जून 2004 से काल्पनिक वरिष्ठता सूची जारी कर असंवैधानिक रूप से सामान्य वर्गो की पदोन्नति की प्रक्रिया दिसम्बर 2024 से प्रारम्भ कर दी गयी है।  साथ ही वरिष्ठ अनुसूचित जाति व जनजाति कर्मचारी एवं अधिकारी को दरकिनार करते हुए कनिष्ठ सामान्य वर्गों के ही कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाभान्वित किया जा रहा है और पदोन्नति आदेश जारी भी कर दिये गये है, जबकि हाईकोर्ट का आदेश दिनांक 16.04.2024 की भावी तिथि से प्रभावशील होना था ना कि भूतलक्षी प्रभाव से।  उच्च न्यायलय के 16.04.2024 के आदेश में कहीं भी इस बात का उल्लेख नही है कि यह आदेश भुतलक्षी प्रभाव से लागू होगा, अतः राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग से भी ऐसे आदेश पारित नही हुए इसलिए राज्य शासन ने अन्य किसी भी विभाग में 2004 से वरिष्ठता को संशोधित नही किया गया, इससे स्पष्ट है कि पावर कंपनी आदेश की गलत व्याख्या कर नियम विरूद्ध वरिष्ठता सूचि को संशोधन कर पदोन्नती आदेश निकाले जा रही हैं जो सवथा अनुचित है। 


इस बारे में आज  रायपुर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारियों कर्मचारियों ने दी  बेमुद्दत आंदोलन की चेतावनी 

आरक्षण नियमों  के उल्लंघन का लगाया आरोप


छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी संघ द्वारा विद्युत कंपनी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण एवं अन्य सांगठनिक मांगों को लेकर विद्युत कंपनी के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए क्रमबद्ध आंदोलन 22 जनवरी से करने की सूचना दी गई थी । विदित हो कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार द्वारा दिनांक 16.04.2024 को जारी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आरक्षण नियम के नियम 5 को अधिसूचित करने हेतु पिंगुआ कमिटी का गठन किया गया है। वहीं पर विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा छ.ग. शासन से अनुमोदन प्राप्त किये बिना सामान्य पदोन्नति की प्रक्रिया काल्पनिक वरिष्ठता के आधार पर किया जा रहा है। विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा  16.04.2024 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत   24 वर्ष पूर्व  23 जून 2004 से काल्पनिक वरिष्ठता सूची जारी कर असंवैधानिक रूप से सामान्य वर्गो की पदोन्नति की प्रक्रिया दिसम्बर 2024 से प्रारम्भ कर दी गयी है।  साथ ही वरिष्ठ अनुसूचित जाति व जनजाति कर्मचारी एवं अधिकारी को दरकिनार करते हुए कनिष्ठ सामान्य वर्गों के ही कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाभान्वित किया जा रहा है और पदोन्नति आदेश जारी भी कर दिये गये है, जबकि हाईकोर्ट का आदेश दिनांक 16.04.2024 की भावी तिथि से प्रभावशील होना था ना कि भूतलक्षी प्रभाव से।  उच्च न्यायलय के 16.04.2024 के आदेश में कहीं भी इस बात का उल्लेख नही है कि यह आदेश भुतलक्षी प्रभाव से लागू होगा, अतः राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग से भी ऐसे आदेश पारित नही हुए इसलिए राज्य शासन ने अन्य किसी भी विभाग में 2004 से वरिष्ठता को संशोधित नही किया गया, इससे स्पष्ट है कि पावर कंपनी आदेश की गलत व्याख्या कर नियम विरूद्ध वरिष्ठता सूचि को संशोधन कर पदोन्नती आदेश निकाले जा रही हैं जो सवथा अनुचित है। 


इस बारे में आज  रायपुर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में पदोन्नति सहित विभिन्न मांगों को छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारियों कर्मचारियों ने दी  बेमुद्दत आंदोलन की चेतावनी 

आरक्षण नियमों  के उल्लंघन का लगाया आरोप छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल आरक्षित वर्ग अधिकारी संघ द्वारा विद्युत कंपनी में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों के पदोन्नति में आरक्षण एवं अन्य सांगठनिक मांगों को लेकर विद्युत कंपनी के अध्यक्ष को संबोधित करते हुए क्रमबद्ध आंदोलन 22 जनवरी से करने की सूचना दी गई थी । विदित हो कि पदोन्नति में आरक्षण को लेकर राज्य सरकार द्वारा दिनांक 16.04.2024 को जारी हाईकोर्ट के निर्देशानुसार आरक्षण नियम के नियम 5 को अधिसूचित करने हेतु पिंगुआ कमिटी का गठन किया गया है। वहीं पर विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा छ.ग. शासन से अनुमोदन प्राप्त किये बिना सामान्य पदोन्नति की प्रक्रिया काल्पनिक वरिष्ठता के आधार पर किया जा रहा है। विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा दिनांक 16.04.2024 को जारी हाईकोर्ट के आदेश के विपरीत   24 वर्ष पूर्व  23 जून 2004 से काल्पनिक वरिष्ठता सूची जारी कर असंवैधानिक रूप से सामान्य वर्गो की पदोन्नति की प्रक्रिया दिसम्बर 2024 से प्रारम्भ कर दी गयी है।  साथ ही वरिष्ठ अनुसूचित जाति व जनजाति कर्मचारी एवं अधिकारी को दरकिनार करते हुए कनिष्ठ सामान्य वर्गों के ही कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाभान्वित किया जा रहा है और पदोन्नति आदेश जारी भी कर दिये गये है, जबकि हाईकोर्ट का आदेश दिनांक 16.04.2024 की भावी तिथि से प्रभावशील होना था ना कि भूतलक्षी प्रभाव से।  उच्च न्यायलय के 16.04.2024 के आदेश में कहीं भी इस बात का उल्लेख नही है कि यह आदेश भुतलक्षी प्रभाव से लागू होगा, अतः राज्य शासन के सामान्य प्रशासन विभाग से भी ऐसे आदेश पारित नही हुए इसलिए राज्य शासन ने अन्य किसी भी विभाग में 2004 से वरिष्ठता को संशोधित नही किया गया, इससे स्पष्ट है कि पावर कंपनी आदेश की गलत व्याख्या कर नियम विरूद्ध वरिष्ठता सूचि को संशोधन कर पदोन्नती आदेश निकाले जा रही हैं जो सवथा अनुचित है। 


इस बारे में आज  रायपुर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में संघ के अध्यक्ष इंजीनियर आर एल ध्रुव, कार्यकारी अध्यक्ष एच के मेश्राम, महासचिव इंजीनियर जी के मंडावी ओर सोशल जस्टिस लीग के कोषाध्यक्ष मनहरन मंडावी ने बताया है कि 

सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश 1.05.2023 के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण मौजूदा नियम के अनुसार किये जाने हेतु स्पष्ट आदेश किया गया है। इस संबंध में उर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विद्युत कंपनी को 3.05.2023 को नियुक्तियों एवं चयन प्रक्रियाओं में आरक्षण के संबंध में निर्देशित किया गया है। लेकिन विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा शासन के निर्देश,सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के आदेश का पूर्ण उल्लंघन खुलेआम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आबादी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारी कर्मचारियों के लिए खेद की बात है कि माननीय मुख्यमंत्री के अधीन विद्युत कंपनी में हाईकोर्ट के आदेश का गलत व्याख्या कर खुद की पदोन्नति प्रक्रिया बनाकर केवल सामान्य वर्गों के अधिकारी एवं कर्मचारियों का पदोन्नति किया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न संवैधानिक मांगों को भी दरकिनार कर कार्यवाही की जा रही है। इससे संघ के पदाधिकारी व सदस्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। संघ ने विद्युत कंपनी प्रबंधन के तानाशाही रवैया के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा किया है। इसमें 22 जनवरी से 27 फरवरी 2025 तक छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कार्यालय स्तर पर संवैधानिक जागरूकता एवं जनसंर्पक अभियान चलाकर विद्युत कंपनी के पक्षपात पूर्वक कार्यशैली को उजागर करना, दिनांक 28.02.2025 को कंपनी मुख्यालय डंगनिया में गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन, दिनांक 10 मार्च 2025 को क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश एवं विरोध प्रदर्शन तथा दिनांक 17 मार्च 2025 से क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर अनिश्चितकालीन सामूहिक धरना प्रदर्शन किया जायेगा। उक्त चरणबद्ध आंदोलन की अवधि में होने वाले किसी भी कार्यालयीन व्यवधान के लिये विद्युत कंपनी प्रबंधन ही ज़िम्मेदार होगा।


हांलाकि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश दिनांक 01.05.2023 के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण मौजूदा नियम के अनुसार किये जाने हेतु स्पष्ट आदेश किया गया है। इस संबंध में उर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विद्युत कंपनी को दिनांक 03.05.2023 को नियुक्तियों एवं चयन प्रक्रियाओं में आरक्षण के संबंध में निर्देशित किया गया है। लेकिन विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा शासन के निर्देश, माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के आदेश का पूर्ण उल्लंघन खुलेआम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आबादी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारी कर्मचारियों के लिए खेद की बात है कि माननीय मुख्यमंत्री के अधीन विद्युत कंपनी में हाईकोर्ट के आदेश का गलत व्याख्या कर खुद की पदोन्नति प्रक्रिया बनाकर केवल सामान्य वर्गों के अधिकारी एवं कर्मचारियों का पदोन्नति किया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न संवैधानिक मांगों को भी दरकिनार कर कार्यवाही की जा रही है। इससे संघ के पदाधिकारी व सदस्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। संघ ने विद्युत कंपनी प्रबंधन के तानाशाही रवैया के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा किया है। इसमें 22 जनवरी से 27 फरवरी 2025 तक छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कार्यालय स्तर पर संवैधानिक जागरूकता एवं जनसंर्पक अभियान चलाकर विद्युत कंपनी के पक्षपात पूर्वक कार्यशैली को उजागर करना, दिनांक 28.02.2025 को कंपनी मुख्यालय डंगनिया में गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन, दिनांक 10 मार्च 2025 को क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश एवं विरोध प्रदर्शन तथा दिनांक 17 मार्च 2025 से क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर अनिश्चितकालीन सामूहिक धरना प्रदर्शन किया जायेगा। उक्त चरणबद्ध आंदोलन की अवधि में होने वाले किसी भी कार्यालयीन व्यवधान के लिये विद्युत कंपनी प्रबंधन ही ज़िम्मेदार होगा।


हांलाकि सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश दिनांक 01.05.2023 के अनुसार पदोन्नति में आरक्षण मौजूदा नियम के अनुसार किये जाने हेतु स्पष्ट आदेश किया गया है। इस संबंध में उर्जा विभाग, छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा विद्युत कंपनी को दिनांक 03.05.2023 को नियुक्तियों एवं चयन प्रक्रियाओं में आरक्षण के संबंध में निर्देशित किया गया है। लेकिन विद्युत कंपनी प्रबंधन द्वारा शासन के निर्देश, माननीय सुप्रीम कोर्ट एवं हाई कोर्ट के आदेश का पूर्ण उल्लंघन खुलेआम किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के बहुसंख्यक आबादी अनुसूचित जाति एवं जनजाति के अधिकारी कर्मचारियों के लिए खेद की बात है कि माननीय मुख्यमंत्री के अधीन विद्युत कंपनी में हाईकोर्ट के आदेश का गलत व्याख्या कर खुद की पदोन्नति प्रक्रिया बनाकर केवल सामान्य वर्गों के अधिकारी एवं कर्मचारियों का पदोन्नति किया जा रहा है। इसके साथ ही विभिन्न संवैधानिक मांगों को भी दरकिनार कर कार्यवाही की जा रही है। इससे संघ के पदाधिकारी व सदस्यों के साथ ही छत्तीसगढ़ के समस्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग में आक्रोश व्याप्त है। संघ ने विद्युत कंपनी प्रबंधन के तानाशाही रवैया के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की घोषणा किया है। इसमें 22 जनवरी से 27 फरवरी 2025 तक छत्तीसगढ़ के प्रत्येक कार्यालय स्तर पर संवैधानिक जागरूकता एवं जनसंर्पक अभियान चलाकर विद्युत कंपनी के पक्षपात पूर्वक कार्यशैली को उजागर करना, दिनांक 28.02.2025 को कंपनी मुख्यालय डंगनिया में गेट मीटिंग कर विरोध प्रदर्शन, दिनांक 10 मार्च 2025 को क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर एक दिवसीय सामूहिक अवकाश एवं विरोध प्रदर्शन तथा दिनांक 17 मार्च 2025 से क्षेत्रीय एवं मुख्यालय स्तर पर अनिश्चितकालीन सामूहिक धरना प्रदर्शन किया जायेगा। उक्त चरणबद्ध आंदोलन की अवधि में होने वाले किसी भी कार्यालयीन व्यवधान के लिये विद्युत कंपनी प्रबंधन ही ज़िम्मेदार होगा।

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