रोजा तोड़कर ई० क़मर अफजल उर्फ राजू ने किया रक्तदान, नवीन झा को मिला जीवनदान, बोला- इंसानियत से ऊपर कुछ नहीं।
रोजा तोड़कर ई० क़मर अफजल उर्फ राजू ने किया रक्तदान, नवीन झा को मिला जीवनदान, बोला- इंसानियत से ऊपर कुछ नहीं।
Inspiring Story। Save Humanity
मिथलांचल। बिहार के सीतामढ़ी जिले से मानवता का संदेश देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक मुस्लिम युवक ने ब्लड डोनेट कर हिंदू युवक की जान बचा ली. वह भी तब, जब वह रोजेदार था. शख्स के इस कदम की तारीफ हो रही है. दरअसल, रैन विष्णु रुन्नी सैदपुर के रहनेवाला नवीन कुमार झा. उन्हें इसके जिला सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर लाया गया था. डॉक्टर की जांच में पता चला कि नवीन कुमार झा O-पॉजिटिव दो यूनिट खून चाहिए. जब कहीं से इंतजाम नहीं हो सका तो ई० क़मर अफजल ने खून देकर उनकी जान बचा ली.
सीतामढ़ी. बिहार में एक ओर जहां कई जगह से सांप्रदायिक तनाव की खबरें आ रही हैं, वहीं, दूसरी ओर सीतामढ़ी जिले से सुकून भरी और मानवता का संदेश देने वाली खबर है. जिले में एक रोजेदार मुस्लिम भाई ने रोजा तोड़कर खून दिया और हिंदू भाई को जीवनदान दिया. उनके इस कदम की जिले में हर तरफ तारीफ हो रही है. मामला रैन विष्णु, रुन्नी सैदपुर का है. यहां रहने रहने वाले O पॉजिटिव ब्लड की जरूरत थी. जैसे ही यह बात ई० क़मर अफजल उर्फ राजू को पता चली, तो उन्होंने रक्तदान कर युवक की जान बचाई.
इस बारे में जब ई० क० अ ० उर्फ राजू से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सभी मजहबों में इंसानियत सबसे ऊपर है. उन्होंने ‘मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना…’ गीत को चरितार्थ किया है. गौरतलब है कि रुन्नी सैदपुर की रहने वाले नवीन कुमार झा के लिए जिला सदर अस्पताल मुजफ्फरपुर लाया गया था. डॉक्टर ने चेकअप के बाद बताया कि झा के शरीर में खून कम है और दो यूनिट खून चढ़ाना पड़ेगा. ये सुनकर परिजनों ने ब्लड की व्यवस्था करनी शुरू की. उन्होंने जैसे-तैसे एक यूनिट ब्लड की व्यवस्था तो कर ली, लेकिन दूसरे यूनिट की नहीं हो पा रही थी.
इंसानियत का निभाया फर्ज
इस बीच परिजनों ने जब जिले के रक्तदाताओं की लिस्ट निकाली तो पता चला कि राजू भाई ब्लड डोनेट करते हैं. डॉक्टर ने सेम ब्लड ग्रुप होने पर राजू से सम्पर्क कर उन्हें पूरी बात बताई. ये बिना सोचे तुरंत अस्पताल पहुंच गए. पवित्र रमजान माह में रोजेदार होने के बाद भी उन्होंने इंसानियत का फर्ज निभाया और हिंदू युवक के लिए खून दिया. उनके खून से नवीन कुमार झा की जान बच गई.
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