सभापति सूर्यकान्त राठौड़ ने कहा लोकतंत्र को मजबूती देगी "एक राष्ट्र एक चुनाव" प्रणाली, प्रस्ताव के समर्थन में 29 अप्रैल को होगी नगर निगम की विशेष सामान्य सभा
सभापति सूर्यकान्त राठौड़ ने कहा लोकतंत्र को मजबूती देगी "एक राष्ट्र एक चुनाव" प्रणाली, प्रस्ताव के समर्थन में 29 अप्रैल को होगी नगर निगम की विशेष सामान्य सभा
रायपुर - रायपुर नगर पालिक निगम के सभापति ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा है कि नगर पालिक निगम रायपुर की विशेष सामान्य सभा की बैठक 29 अप्रैल मंगलवार को प्रातः 11.00 बजे शहीद स्मारक भवन में होगी जिसमें एक राष्ट्र, एक चुनाव के समर्थन में प्रस्ताव पर अनुमोदन किया जाएगा । सभापति ने विशेष सम्मिलन की बैठक के लिए शहीद स्मारक भवन के हाल में आमंत्रित अति विशिष्ट जनों, नगर निगम सत्ता पक्ष, विपक्ष के पार्षद रहेंगे । आवश्यक कार्य चलने के कारण शहीद स्मारक भवन के हाल में आहुत की गयी है.
उद्देश्यः
*एक राष्ट्र एक चुनाव"* का मुख्य उद्देश्य लोकसभा और सभी राज्य विधानसभा के चुनावों को एक साथ आयोजित करना है। ताकि समय, संसाधन और प्रशासनिक खर्चों की बचत हो सके तथा देश के विकास कार्यों में निरंतरता बनी रहे।
प्रशासनिक और आर्थिक दक्षताः
बार-बार चुनाव कराने में भारी प्रशासनिक खर्च और संसाधनों की बर्बादी होती है। एक साथ चुनाव से चुनावी खर्चों में कमी आएगी और सुरक्षा बलो, शिक्षको और प्रशासनिक अधिकारियों को बार-बार चुनावी ड्यूटी से मुक्त किया जा सकेगा एवं प्रशासनिक कार्य में गति आयेगी।
विकास कार्यों में निरंतरताः
बार-बार लगने वाले आदर्श आचार संहिता के कारण विकास कार्यो परियोजनाएँ, शासकीय भर्तिया रूक जाती हैं। एक साथ चुनाव होने से बाधा दूर होगी और सरकारे अपने विकास कार्यों पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।
राजनीतिक स्थिरताः
एक साथ चुनाव राजनीतिक अस्थिरता को कम करने में मदद करेगा, जिससे नीति निर्माण में स्थिरता और दीर्घकालिक दृष्टिकोण सुनिश्चित होगा।
मतदाताओं की जागरूकता और भागीदारीः
एक साथ चुनाव से मतदाताओं में अधिक जागरूकता और उत्साह पैदा होगा, जिससे मतदान प्रतिशत बढ़ेगा और लोकतंत्र को सशक्त किया जा सकेगा।
चुनावी खर्च में कटौतीः
चुनाव आयोग व राजनीतिक दलो को बार-बार चुनाव प्रचार करने के लिए भारी धनराशि खर्च करनी पड़ती हैं। एक साथ चुनाव खर्च में कटौती होगी, जिससे धन का अधिक सदुपयोग हो सकेगा।
*"एक राष्ट्र एक चुनाव"* एक क्रांतिकारी कदम है, जो भारत के लोकतंत्र को और अधिक मजबूत, पारदर्शी, और कुशल बना सकता है। इससे न केवल सरकार के कार्यों में निरंतरता आएगी, बल्कि राष्ट्रीय एकता और अखंडता भी सुदृढ़ होगी।
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